MP Topic Wise Gk: मध्य प्रदेश के प्रमुख जलप्रपात, प्राकृतिक सौंदर्य और पर्यटन के अनोखे स्थल
MP Topic Wise Gk: मध्य प्रदेश, जिसे भारत का “हृदय प्रदेश” कहा जाता है, न केवल ऐतिहासिक धरोहरों और समृद्ध सांस्कृतिक विरासत के लिए प्रसिद्ध है, बल्कि यहाँ की प्राकृतिक सुंदरता भी अद्वितीय है। राज्य में अनेक झरने (जलप्रपात) स्थित हैं, जो अपनी भव्यता, ऊँचाई और अद्वितीय प्राकृतिक परिवेश के कारण पर्यटकों और प्रकृति प्रेमियों को आकर्षित करते हैं।
यहाँ स्थित जलप्रपात मानसून और सर्दियों के मौसम में अपने पूर्ण रूप में दिखाई देते हैं, जब इनका जल प्रवाह प्रचंड होता है और चारों ओर हरियाली से घिरा होता है। भेड़ाघाट का धुआंधार जलप्रपात, पचमढ़ी का बी फॉल्स, पन्ना का रानेह फॉल्स और शिवपुरी का भूरा खोह जैसे जलप्रपात न केवल पर्यटन स्थल हैं, बल्कि इनका ऐतिहासिक और भौगोलिक महत्व भी है।
इस आर्टिकल में हम मध्य प्रदेश के प्रमुख जलप्रपातों की जानकारी देंगे, जिनकी भौगोलिक स्थिति, विशेषताएँ और उनसे जुड़ी रोचक जानकारियाँ आपके ज्ञान को समृद्ध करेंगी। अगर आप भी मध्य प्रदेश की प्राकृतिक धरोहरों को जानना और देखना चाहते हैं, तो यह आर्टिकलआपके लिए बेहद उपयोगी साबित होगा।
मध्य प्रदेश के प्रमुख जलप्रपात (Waterfalls of Madhya Pradesh)
मध्य प्रदेश अपनी प्राकृतिक सुंदरता, ऐतिहासिक धरोहरों और सांस्कृतिक महत्व के लिए प्रसिद्ध है। यहाँ कई नदियाँ बहती हैं, जिन पर सुंदर जलप्रपात बने हुए हैं। ये जलप्रपात पर्यटन, धार्मिक और भौगोलिक दृष्टि से महत्वपूर्ण हैं। इस लेख में, हम मध्य प्रदेश के प्रमुख जलप्रपातों की विस्तृत जानकारी देंगे।
क्रमांक | जलप्रपात का नाम | नदी | स्थान | विशेषता |
---|---|---|---|---|
1 | दूधधारा जलप्रपात | नर्मदा नदी | अमरकंटक, अनूपपुर | सफेद झाग जैसा पानी, धार्मिक महत्व |
2 | कपिलधारा जलप्रपात | नर्मदा नदी | अमरकंटक, अनूपपुर | 100 फीट ऊँचा, कपिल मुनि से जुड़ा |
3 | सहस्त्रधारा जलप्रपात | नर्मदा नदी | महेश्वर, खरगोन | सहस्रों धाराओं में बहता पानी |
4 | धुआंधार जलप्रपात | नर्मदा नदी | भेड़ाघाट, जबलपुर | तेज प्रवाह से सफेद धुआँ जैसा दृश्य |
5 | मंदार एवं दर्दी जलप्रपात | नर्मदा नदी | खंडवा | मानसून में आकर्षक दृश्य |
6 | जूलिया जलप्रपात | चंबल नदी | भैसौरगढ़, कोटा (राजस्थान) | खूबसूरत चट्टानों के बीच स्थित |
7 | चचाई जलप्रपात | बीहड़ नदी | रीवा | 130 मीटर ऊँचा, मध्य प्रदेश का सबसे ऊँचा जलप्रपात |
8 | केवटी जलप्रपात | बीहड़ नदी | रीवा | सुंदर हरियाली से घिरा |
9 | पुरवा जलप्रपात | बीहड़ नदी | रीवा | तमसा नदी से निकला अद्भुत दृश्य |
10 | बहुति जलप्रपात | बीहड़ नदी | रीवा | “मध्य प्रदेश का नियाग्रा फॉल्स” |
11 | पियावन जलप्रपात | बीहड़ नदी | रीवा | घने जंगलों के बीच |
12 | बेलौही जलप्रपात | बीहड़ नदी | रीवा | कम ज्ञात लेकिन खूबसूरत झरना |
13 | पांडव जलप्रपात | केन नदी | पन्ना | पांडवों से जुड़ी पौराणिक कथा |
14 | पातालपानी जलप्रपात | चोरल नदी | इंदौर | मानसून में देखने लायक, ऐतिहासिक स्थल |
15 | झाड़ी दाहा जलप्रपात | चंबल नदी | इंदौर | हरे-भरे जंगलों में स्थित |
16 | केदारनाथ जलप्रपात | अरावली श्रृंखला | – | धार्मिक महत्व |
17 | राहतगढ़ जलप्रपात | बीना नदी | सागर | हरे-भरे जंगलों के बीच |
18 | भालकुंड जलप्रपात | बीना नदी | सागर | प्राकृतिक शांति प्रदान करने वाला स्थल |
19 | डचेस जलप्रपात | – | पचमढ़ी, होशंगाबाद | ब्रिटिश समय से जुड़ा स्थल |
20 | रजत जलप्रपात | – | पचमढ़ी, होशंगाबाद | 350 फीट ऊँचा, “सिल्वर फॉल” |
21 | अप्सरा जलप्रपात | – | पचमढ़ी, होशंगाबाद | अप्सराओं जैसा मनमोहक दृश्य |
22 | रनेह जलप्रपात | केन नदी | पन्ना | ज्वालामुखीय चट्टानों से बना |
23 | जमुना बी फॉल | – | पचमढ़ी, होशंगाबाद | ट्रेकिंग प्रेमियों के लिए बेहतरीन स्थल |
24 | सतधारा भीमकुंड अर्जुन कुंड | नर्मदा नदी | नरसिंहपुर | धार्मिक महत्व और प्राकृतिक सौंदर्य |
25 | लीलाई, अनहोनी, कुकरी खापा | कन्हान नदी | छिंदवाड़ा | गर्म जल स्रोत और झरने |
26 | गांगुलपारा जलप्रपात | बेनगंगा | बालाघाट | पर्यटन स्थल के रूप में प्रसिद्ध |
27 | मलधर जलप्रपात | देवनदी | बालाघाट | प्राकृतिक हरियाली से घिरा |
28 | रमरामा जलप्रपात | – | बालाघाट | कम चर्चित लेकिन सुंदर झरना |
29 | काकरा खोह जलप्रपात | – | मांडू | ऐतिहासिक धरोहर के पास |
30 | भूरा खोह, सुलतानगढ़, पावा | सिंध नदी | शिवपुरी | एडवेंचर और ट्रेकिंग के लिए उपयुक्त |
31 | डगोना, सनकुआ जलप्रपात | सिंध नदी | दतिया | कम भीड़भाड़ वाला प्राकृतिक स्थल |
32 | पुरवा जलप्रपात | तमसा नदी | रीवा | ऐतिहासिक और प्राकृतिक रूप से महत्वपूर्ण |
मध्य प्रदेश के जलप्रपात न केवल अपनी प्राकृतिक सुंदरता के लिए प्रसिद्ध हैं, बल्कि इनमें से कई धार्मिक, ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्व भी रखते हैं। मानसून और सर्दियों के मौसम में इन जलप्रपातों की सुंदरता अपने चरम पर होती है, जब पानी का प्रवाह तेज और आसपास का वातावरण हरियाली से भर जाता है।
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