Rajasthan Rivers

Rajasthan rivers list | Rivers of Rajasthan: इतिहास, स्रोत और जीवनदायिनी भूमिका

राजस्थान, जिसे अपनी मरुस्थलीय भूमि के लिए जाना जाता है, न केवल संस्कृति और इतिहास में समृद्ध है, बल्कि अपनी अद्वितीय भौगोलिक संरचना के कारण भी विशेष स्थान रखता है। यहाँ की नदियाँ, जो कभी स्थायी नहीं रही हैं, इस राज्य के जीवन और अर्थव्यवस्था की रीढ़ मानी जाती हैं। राजस्थान में नदियों का मुख्य स्रोत मानसून की वर्षा और आसपास के राज्यों से आने वाला पानी है।

चंबल, बाणगंगा, बनास, लूनी और घग्घर जैसी नदियाँ न केवल जल की आपूर्ति करती हैं, बल्कि इनमें से कुछ नदियाँ पवित्रता और पौराणिक महत्व भी रखती हैं। इसके साथ ही, कई नदियाँ क्षेत्रीय सिंचाई परियोजनाओं और जल संरक्षण के लिए महत्वपूर्ण हैं।

इस लेख में हम राजस्थान की प्रमुख नदियों की भौगोलिक स्थिति, उनकी विशेषताएँ, ऐतिहासिक और पौराणिक महत्व, और उनके द्वारा राज्य पर पड़ने वाले पर्यावरणीय और आर्थिक प्रभावों का गहराई से विश्लेषण करेंगे। यह जानकारी न केवल आपकी सामान्य ज्ञान को बढ़ाएगी, बल्कि राजस्थान के प्राकृतिक संसाधनों को समझने में भी मदद करेगी। आइए, राजस्थान की इन अद्भुत नदियों की यात्रा शुरू करें।

Major Rivers of Rajasthan (राजस्थान की प्रमुख नदियाँ)

राजस्थान, जो अपने शुष्क और अर्ध-शुष्क क्षेत्रों के लिए जाना जाता है, में कई महत्वपूर्ण नदियाँ हैं। इनमें से कुछ नदियाँ स्थायी हैं, जबकि कुछ मौसमी हैं। यहाँ राजस्थान की प्रमुख नदियाँ और उनकी सहायक नदियों का विस्तृत विवरण दिया गया है:

1. चंबल नदी (Chambal River)

  • उद्गम स्थल: मध्य प्रदेश के इंदौर जिले में जनापाव पहाड़ी।
  • लंबाई: 965 किमी (राजस्थान में लगभग 320 किमी)।
  • जल प्रवाह (डिस्चार्ज): यमुना नदी में विलय।
  • राज्य और प्रमुख शहर: मध्य प्रदेश, राजस्थान (कोटा, बूंदी, धौलपुर)।
  • महत्वपूर्ण बाँध:गांधी सागर बाँध
  • राणा प्रताप सागर बाँध
  • जवाहर सागर बाँध
  • प्रमुख सहायक नदियाँ:
    • बनास नदी: राजस्थान में उत्पन्न होकर चंबल में मिलती है।
    • काली सिंध नदी: मध्य प्रदेश और राजस्थान में बहती है।
    • परवन नदी: यह चंबल की एक और सहायक नदी है।
    • कुंवारी नदी: चंबल की सहायक नदी है।
  • महत्व: चंबल राजस्थान की सबसे स्थायी नदी है। इसे राजस्थान की एकमात्र perennial river माना जाता है।

2. बनास नदी (Banas River)

  • उद्गम स्थल: उदयपुर जिले के कुम्भलगढ़ पहाड़ी।
  • लंबाई: 512 किमी (पूरी तरह राजस्थान में बहती है)।
  • जल प्रवाह (डिस्चार्ज): चंबल नदी में विलय।
  • राज्य और प्रमुख शहर: राजस्थान (चित्तौड़गढ़, कोटा, टोंक)।
  • महत्वपूर्ण बाँध:माही बजाज सागर बाँध
  • बीसलपुर बाँध
  • प्रमुख सहायक नदियाँ:
    • बेरच नदी: यह बनास की सहायक नदी है।
    • मेनाल नदी: यह भी बनास में मिलती है।
    • खारी नदी: खारी बनास की एक अन्य सहायक नदी है।
  • महत्व: बनास नदी को राजस्थान की “जनानी नदी” कहा जाता है क्योंकि यह पूरी तरह राजस्थान में ही बहती है।

3. लूनी नदी (Luni River)

  • उद्गम स्थल: अजमेर जिले के नाग पहाड़।
  • लंबाई: 495 किमी।
  • जल प्रवाह (डिस्चार्ज): कच्छ के रन में समाप्त।
  • राज्य और प्रमुख शहर: राजस्थान (पाली, जोधपुर, बाड़मेर, जालौर)।
  • महत्वपूर्ण बाँध:जवाई बाँध (पाली जिले में)।
  • प्रमुख सहायक नदियाँ:
    • जवाई नदी: लूनी की प्रमुख सहायक नदी है।
    • सुकरी नदी: यह भी लूनी में मिलती है।
    • जोई नदी: लूनी की एक अन्य सहायक नदी है।
  • महत्व: यह पश्चिम राजस्थान की सबसे बड़ी नदी है और खारे पानी के कारण इसे “नमकीन नदी” कहा जाता है।

4. बाणगंगा नदी (Banas-Ganga River)

  • उद्गम स्थल: जयपुर जिले के भरतपुर क्षेत्र।
  • लंबाई: 380 किमी।
  • जल प्रवाह (डिस्चार्ज): यमुना नदी में विलय।
  • राज्य और प्रमुख शहर: राजस्थान (भरतपुर, धौलपुर)।
  • महत्वपूर्ण बाँध: कोई प्रमुख बाँध नहीं।
  • प्रमुख सहायक नदियाँ:
    • इसमें प्रमुख सहायक नदियाँ नहीं हैं, लेकिन यह ऐतिहासिक और धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है।
  • महत्व: बाणगंगा धार्मिक महत्व की नदी है, जिसका उल्लेख महाभारत में भी मिलता है।

5. घग्घर नदी (Ghaggar River)

  • उद्गम स्थल: हिमाचल प्रदेश के शिवालिक पहाड़ियों से।
  • लंबाई: लगभग 290 किमी।
  • जल प्रवाह (डिस्चार्ज): राजस्थान के रेगिस्तान में समाप्त।
  • राज्य और प्रमुख शहर: हरियाणा, पंजाब, राजस्थान।
  • महत्वपूर्ण बाँध: कोई प्रमुख बाँध नहीं।
  • महत्व: इसे “मृतसरस्वती” भी कहा जाता है। यह एक मौसमी नदी है और हरियाणा के बाद राजस्थान में बहती है।
  • सहायक नदियाँ:
    • राजस्थान में घग्घर की कोई बड़ी सहायक नदी नहीं है।

6. माही नदी (Mahi River)

  • उद्गम स्थल: मध्य प्रदेश के धार जिले के विंध्याचल पहाड़ी।
  • लंबाई: 583 किमी (राजस्थान में लगभग 171 किमी)।
  • जल प्रवाह (डिस्चार्ज): अरब सागर में।
  • राज्य और प्रमुख शहर: मध्य प्रदेश, राजस्थान (डूंगरपुर, बांसवाड़ा)।
  • महत्वपूर्ण बाँध: माही बजाज सागर बाँध (बांसवाड़ा)।
  • प्रमुख सहायक नदियाँ:
    • सोम नदी: माही की प्रमुख सहायक नदी है।
    • अनास नदी: यह भी माही में मिलती है।
  • महत्व: माही नदी राजस्थान के दक्षिणी भाग को जल प्रदान करती है और यह दक्षिणी अरावली क्षेत्र के लिए महत्वपूर्ण है।

7. साबरमती नदी (Sabarmati River)

  • उद्गम स्थल: उदयपुर जिले के अरावली पहाड़ी।
    लंबाई: 371 किमी।
    जल प्रवाह (डिस्चार्ज): अरब सागर में।
    राज्य और प्रमुख शहर: राजस्थान, गुजरात (अहमदाबाद)।
    महत्वपूर्ण बाँध: धर्मी बाँध।
  • प्रमुख सहायक नदियाँ:
    • इसमें प्रमुख सहायक नदियाँ नहीं हैं।
  • महत्व: साबरमती नदी राजस्थान और गुजरात दोनों राज्यों के लिए महत्वपूर्ण है।

8. काकनी नदी (Kakni River)

  • स्रोत: यह दक्षिण राजस्थान की एक छोटी नदी है।
  • महत्व: यह लूनी की सहायक नदी है।

9. सुकरी नदी (Sukri River)

  • उद्गम स्थल: अरावली पहाड़ियों से।
  • लंबाई: 100 किमी।
  • जल प्रवाह (डिस्चार्ज): लूनी नदी में।
  • राज्य और प्रमुख शहर: राजस्थान (पाली)।
  • महत्वपूर्ण बाँध:

10. परवन नदी (Parvan River)

  • उद्गम स्थल: यह मध्य प्रदेश से निकलती है और राजस्थान में चंबल में मिलती है।
  • लंबाई: 192 किमी।
  • जल प्रवाह (डिस्चार्ज): चंबल नदी में।
  • राज्य और प्रमुख शहर: राजस्थान (झालावाड़)।
  • महत्वपूर्ण बाँध: परवन सिंचाई परियोजना।

11. द्रव्यवती नदी (Dravyavati River)

  • स्रोत: यह जयपुर शहर में बहने वाली एक ऐतिहासिक नदी है।
  • उद्गम स्थल: जयपुर।
  • लंबाई: 47 किमी।
  • जल प्रवाह (डिस्चार्ज): जयपुर शहर में जल निकासी।
  • राज्य और प्रमुख शहर: राजस्थान (जयपुर)।
  • महत्वपूर्ण बाँध: कोई प्रमुख बाँध नहीं।

12. कोठारी नदी (Kothari River)

  • उद्गम स्थल: राजसमंद जिले।
  • लंबाई: 145 किमी।
  • जल प्रवाह (डिस्चार्ज): बनास नदी में।
  • राज्य और प्रमुख शहर: राजस्थान (राजसमंद, भीलवाड़ा)।
  • महत्वपूर्ण बाँध: कोई प्रमुख बाँध नहीं।
  • महत्व: कोठारी नदी क्षेत्रीय कृषि और सिंचाई के लिए महत्वपूर्ण है।

13. जवाई नदी (Jawai River)

  • उद्गम स्थल: पाली जिले।
  • लंबाई: लगभग 96 किमी।
  • जल प्रवाह (डिस्चार्ज): लूनी नदी में।
  • राज्य और प्रमुख शहर: राजस्थान (पाली)।
  • महत्वपूर्ण बाँध: जवाई बाँध।
  • महत्व: जवाई नदी लूनी की सहायक नदी है और जवाई बांध के लिए प्रसिद्ध है।

राजस्थान की नदियाँ राज्य के जीवन, संस्कृति और अर्थव्यवस्था को प्रभावित करती हैं। इनमें से अधिकांश नदियाँ मानसूनी जल पर निर्भर हैं, इसलिए जल संरक्षण के प्रयास इन नदियों के अस्तित्व के लिए बहुत महत्वपूर्ण हैं।

Sourabh

सौरभ शुक्ला एक अनुभवी लेखक हैं, जिन्हें शिक्षा से जुड़े विषयों पर लेखन में 3 वर्षों का अनुभव है। वह CareerSafar.com के वरिष्ठ लेखक हैं, जहां वह प्रतियोगी परीक्षाओं, सरकारी नौकरियों, करियर गाइडेंस और शिक्षा से जुड़े महत्वपूर्ण विषयों पर शोधपूर्ण और जानकारीपूर्ण लेख प्रस्तुत करते हैं। सौरभ की लेखन… More »

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